National poetry month
Day 3: poem starts with the first lines of your favourite song
Using the first lines of your favourite song
Day 3: poem starts with the first lines of your favourite song
Using the first lines of your favourite song
कि उजला ही उजला शहर होगा जिस में हम तुम बनाएंगे घर
पेट्रोल मैं डालूंगी, इक नाज़ुक सी चिंगारी तुम देना
बीच इक बदलते शहर के, हम तुम बनाएगें घर
आग के ढाँचे में डूबा, पीली जलती रौशनी में चमकता
कि उजला ही उजला शहर होगा जिस में हम तुम बनाएंगे घर
पेट्रोल मैं डालूंगी, इक नाज़ुक सी चिंगारी तुम देना
बीच इक बदलते शहर के, हम तुम बनाएगें घर
आग के ढाँचे में डूबा, पीली जलती रौशनी में चमकता
कि उजला ही उजला शहर होगा जिस में हम तुम बनाएंगे घर
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