ये पीली सी खामोशियाँ
इन मे मैने कुछ लफ़्ज़ों को
उड़ते हुए देखा है,
दिल की बातों को जिन्हे ना वो कह सके ना हम
इन्हे खामोशियों के गुब्बारो मे उड़ाने का सिलसिला
ना जाने कब तक चलेगा |
ये पीली सी खामोशियाँ
जो तुम्हारे मेरे फ़ासले के बीच
कुछ यून ही मासूम से बच्चे सी बैठी रहती है
मेरे ख्वाबों की तस्वीरों में
जो तुम्हारी साँसों से रंग भरती है |
ये पीली सी खामोशियाँ
जो दरबदार तुम्हारी परच्छाई में
शब्दों के निशान तलाशती है
की शायद तुम्हारे होंठ मुस्कुरा कर वो कह जाए
जिसका आँखों को कबसे इंतज़ार है |
इन खामोशियों में शोर ढूंड रही हूँ मैं
मगर आज नही
आज तुम यूँ ही मगरूर बैठे रहो
अभी इन पीली सी खामोशियों के आसमान में
मुझे कुछ चॅन तारे नज़र आने लगे है |
इन मे मैने कुछ लफ़्ज़ों को
उड़ते हुए देखा है,
दिल की बातों को जिन्हे ना वो कह सके ना हम
इन्हे खामोशियों के गुब्बारो मे उड़ाने का सिलसिला
ना जाने कब तक चलेगा |
ये पीली सी खामोशियाँ
जो तुम्हारे मेरे फ़ासले के बीच
कुछ यून ही मासूम से बच्चे सी बैठी रहती है
मेरे ख्वाबों की तस्वीरों में
जो तुम्हारी साँसों से रंग भरती है |
ये पीली सी खामोशियाँ
जो दरबदार तुम्हारी परच्छाई में
शब्दों के निशान तलाशती है
की शायद तुम्हारे होंठ मुस्कुरा कर वो कह जाए
जिसका आँखों को कबसे इंतज़ार है |
इन खामोशियों में शोर ढूंड रही हूँ मैं
मगर आज नही
आज तुम यूँ ही मगरूर बैठे रहो
अभी इन पीली सी खामोशियों के आसमान में
मुझे कुछ चॅन तारे नज़र आने लगे है |
आखिर अक्षरों और आवाज़ मैं भी तो शब्द ख़ामोशी का अस्तित्व है!
ReplyDeleteah fav topic! aaj toh silence chhed di tumne! hume pata na tha ki aap hindi main bhi jazbaat-o-bayaan karti hain! ;)